ऊतक क्या है? ऊतक संगठन- एककोशिकीय एवं बहुकोशिकीय

जीव विज्ञान अध्ययन (Zoology Science) संबंधी प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले ऊतक, ऊतक संगठन एवं उनके प्रकार – ‘एककोशिकीय एवं बहुकोशिकीय’ की सम्पूर्ण जानकारी (Tissue Culture and Tissue Types in Hindi) दी गई है। चलिए, पढ़ते है-

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जीव विज्ञान की वह शाखा, जिसके अंतर्गत ऊतकों का अध्ययन किया जाता है, ‘औतिकी’ (Histology) कहलाता है।

जीव विज्ञान की इस शाखा की स्थापना वर्ष 1628-1694 में इटली के वैज्ञानिक ‘मारसेलो मैल्पीघी’ (Marcello Malpighi) तथा नामकरण ‘मायर’ (Mayer) ने वर्ष 1819 में किया।

जबकि ‘ऊतक शब्द’ (Tissue Word) का सर्वप्रथम उपयोग बिचट (Bichat) ने वर्ष 1771-1802 में किया था।

परिभाषा (Definition)- ऊतक क्या है? (What is Tissue in Hindi) ऊतक, लगभग एक ही परिमाण तथा आकार की कोशिकाओं का समूह, जो उत्पत्ति, विकास, रचना तथा कार्य के आधार से एक समान हो, ‘ऊतक’ (Tissue) कहलाता है।

संचार के कुछ प्राणी एककोशिकीय (Unicellular Organism) होते हैं, जैसे- अमीबा, यूग्लीना, क्लोमाइडोमोनास लेकिन अधिकांश बहुकोशिकीय (Multicellular) होते हैं।

बहुकोशिकीय प्राणियों (Multicellular Organisms) का शरीर अनेक कोशिकाओं से मिलकर बना होता है।

सभी बहुकोशिकीय प्राणियों के जीवन का प्रारंभ एककोशिकीय युग्मक (Gametes) से ही होता है, लेकिन भ्रूणीय परिवर्धन (Embryonic Development) के समय, कोशिका विभाजन के कारण कोशिकाओं की संख्या बढ़ती चली जाती है।

एक वयस्क प्राणी की निरीक्षण करने पर हमें भिन्न-भिन्न प्रकार की कोशिकाएं दिखाई देती है, जो कि एक ही कोशिका (Cell) से उत्पन्न हुई हैं।

आँख, कान, नाक, मस्तिष्क, जननांग आदि की कोशिकाओं में काफी विभिन्नताएं होती हैं, लेकिन इनमें कुछ समानताएं भी होती है।

जैसे -प्रत्येक कोशिका (Cell) में ‘केन्द्रक’ (Nucleus), ‘माइटोकाॅण्ड्रिया’ (Mitochondria), ‘राइबोसोम’ (Ribosome) आदि पाये जाते हैं।

प्रत्येक कोशिका अपने सामान्य कार्यो के अतिरिक्त कुछ विशिष्ट कार्य भी करती है। अपने विशिष्ट कार्यो के सम्पादन हेतु इन कोशिकाओं में विशिष्टता आ जाती है तथा ये रचना तथा कार्य की दृष्टि से विशिष्ट रूप धारण करती है।

इस प्रकार, विशिष्ट बनने की प्रक्रिया में कोशिका में जो परिवर्तन होते हैं, उसे ‘विभेदीकरण‘ (Differentiation) कहते हैं।

बहुत सी एक समान कोशिकाएं मिलकर ऊतक बनती हैं, ठीक उसी प्रकार कई समान कार्य करने वाले ऊतक मिलकर अंगों का निर्माण करते है।

अर्थात् एक या एक से अधिक ऊतकों से बने शरीर के उस भाग को जो एक या कई विशिष्ट कार्य करता है, ‘अंग’ (Organ) कहते है।

जबकि, जीव शरीर का यह संगठन जो कि कई विशिष्ट कार्य करने वाले ऊतकों से बना होता है, ऊतक संगठन (Tissue Organization) कहलाता है।

संरचनात्मक (Structurally) दृष्टि से प्रत्येक ऊतक दो भागों का बना होता है- पहला आधार द्रव्य या अन्तराकोशिकीय पदार्थ और दूसरा इसके अंदर एक-दूसरे से सटी या दूर-दूर स्थित विविध प्रकार की कोशिकाएं- आधार द्रव्य (Matrix) ठोस, अर्द्धतरल या झिल्ली के रूप में हो सकता है।

कई समान कार्य करने वाले अंग मिलकर अंग-तंत्र (Organ System) का निर्माण करते हैं। (अति विशिष्ट कार्य करने वाले अंगों के समूह को अंग-तंत्र (Organ System) कहते हैं)

ये ही अंग-तंत्र मिलकर जन्तु शरीर का निर्माण करते हैं। शरीर के सभी अंग-तंत्र (Organ System) पारस्परिक सहयोग से सभी जैविक कार्यो को पूरा करता है।

जीव विज्ञान के ऊतक संबंधी महत्वपूर्ण तथ्य | Important Amazing Facts about Biology

  • कोशिकाओं का ऐसा समूह, जिनकी कोशिकाएं, रचना, उत्पत्ति, विकास एवं आकार में समान हो, ऊतक (Tissue) कहलाता है।
  • ऊतकों का अध्ययन करने वाली जीव विज्ञान की शाखा को ‘औतिकी’ (Histology) कहते हैं।
  • पादप ऊतकों को विकास की दृष्टि से दो वर्गो में विभाजित किया जाता है – (1) विभज्योतिकी ऊतक, (2) स्थायी ऊतक
  • एक या एक से अधिक ऊतकों से बने शरीर के उस भाग को जो एक या कई विशिष्ट कार्य करता है, अंग (Organ) कहलाता है।
  • कई समान कार्य करने वाले अंग मिलकर अंग-तंत्र (Organ System) का निर्माण करते है।
  • मृदूतकों (Parenchyma) का प्रमुख कार्य खाद्य व जल संग्रह तथा क्लोरोफिल की उपस्थिति में प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) करना है।
  • संवहनी ऊतक (Vascular Tissue) पौधों के अंदर पदार्थो को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने का कार्य करता है।
  • एपिथीलियमी ऊतक (Epithelium Tissue), त्वचा, श्वसन अंगों, आहार नाल, रूधिर वाहिनियों तथा वृक्क नलिकाओं की बाहरी व भीतरी सतहों पर मिलता है।
  • संयुक्त उपकला ऊतक (Joint Epithelial Tissue) एक से अधिक कोशिकीय स्तरों से बनी होती है।
  • घनाकार उपकला ऊतक (Cubic Epithelial Tissue) का प्रमुख कार्य युग्मकों का निर्माण करना तथा वर्ज्य पदार्थों का उत्सर्जन (Emissions of substances) करना है।
  • संवेदी उपकला ऊतक (Sensory Epithelial Tissue) घ्राण कोष, अन्तःकर्ण, आंख की रेटीना तथा मुखगुहा की म्यूकस झिल्ली में पाया जाता है।
  • संयोजी ऊतकों (Connective Tissues) का प्रमुख कार्य अंगों एवं ऊतकों को एक-दूसरे से बांधे रखना है।

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