क्या है ई-वे बिल प्रणाली (माल और सेवा कर) E-Way Bills? उसके नियम, उद्देश्य, विशेषताएं एवं लाभ
“ई-वे बिल प्रणाली” क्या है? (What is “E-way Bills System” in Hindi):
विषय - सूची
- “ई-वे बिल प्रणाली” क्या है? (What is “E-way Bills System” in Hindi):
- [1] ई-वे बिल प्रणाली नियमों का प्रारूप (E-way Bill System Rules)
- [2] ई-वे बिल प्रणाली का उद्देश्य (E-Way Bills System Purpose/Goal/Aims)
- [3] ई-वे बिल प्रणाली का लाभ (E-Way Bills System Benefits):
- [4] ई-वे बिल पोर्टल की विशेषताएं (E-way Bills Portal Features):
- [5] ई-वे बिल जेनेरेशन के साधन (E-Way Bills Tools):
ई-वे बिल प्रणाली (E-way Bills System) में राष्ट्र कर बाजार (National Tax Market) अंतर्गत केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड और राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के वाणिज्यिक कर विभाग (Commercial Tax Department- System) द्वारा जीएसटी व्यवस्था (GST System) में ई-वे बिल (E-way Bills) (माल और सेवा कर) की शुरुआत कर चोरी को रोकने के लिए की गई इस अंतरराज्यीय यातायात (Track Goods Movement) के लिए नई कर व्यवस्था (Tax System) लागू की गई। (माल के तेज, आसान एवं निर्विघ्न अंतरराज्यिक परिवहन हेतु 01 फरवरी 2018 से प्रभावी हो जाएगा)
इस नई अंतरराज्यीय यातायात (परिवहन) कर व्यवस्था में 50,000 रुपए से अधिक मूल्य वाले सामान लाने ले जाने के लिए ई-वे बिल प्रणाली (E-way Bills System) (माल और सेवा कर) की आवश्यकता होगी। अगर परिवहन किये जाने वाले माल की कीमत रू. 50,000/- अथवा उससे अधिक है, तो ई-वे बिल (E-way Bills) की आवश्यकता होगा।

ई-वे बिल प्रणाली (E-way Bills System) जिसमें किसी एक राज्य के भीतर 10 किलोमीटर के दायरे में माल (वस्तु) भेजने पर आपूर्तिकर्ता (Supplier) को GST Portal पर उसका Goods Details (मॉल विवरण) डालने की जरूरत नहीं होगी।
अंतरराज्यीय यातायात कर वसूली में गिरावट को लेकर कर चोरी को रोकने के लिए भारत सरकार के GST Council ने माल (वस्तु) के अंतरराज्यीय यातायात से संबंधित के लिए 1 जून 2018 से ई-वे बिल (E-way Bill) के अनिवार्य रूप से अनुपालन को मंजूरी दी है। GST Council ने माल (वस्तु) के अंतरराज्यीय यातायात के लिए अनुपालन तारीख 1 फरवरी 2018 तय की है। माल के तेज, आसान और निर्विघ्न अंतरराज्यिक परिवहन हेतु 1 फरवरी 2018 से प्रभावी हो जाएगा।
ई-वे बिल सिस्टम का उपयोग कुछ राज्य जो पहले से ही कर रहे हैं, ये राज्य हैं –
- ओडिशा
- आंध्र प्रदेश
- पश्चिम बंगाल
- केरल
- बिहार
[1] ई-वे बिल प्रणाली नियमों का प्रारूप (E-way Bill System Rules)
ई-वे बिल (E-Way Bill) के नियमों के अंतर्गत वाहक या वाहन चालक को चालान, डिलीवरी चालान या बिल (EBN) को ले जाने की आवश्यकता होगी। जिसमे वितरण चालान या आपूर्ति और इसके साथ, उन्हें ई-वे बिल या बिल नंबर (EBN) की एक प्रति (कॉपी) भी लेनी होगी। इस ई-वे बिल नंबर (EBN) को एक विशेष पहचान डिवाइस “Radio Frequency Identification (RFID)“ के साथ जोड़ा जाएगा।
जिसमे इन नियमों के अनुसार टैक्स कमिश्नर या अधिकृत किसी अधिकारी को परिवहन के दौरान कहीं भी इस सामान की जाँच करने का अधिकार होगा। इसमें अधिकारियों को ई-वे बिल की Hard Copy या Electronic Mode में इसे दिखाना होगा।
इस बिल के अंतर्गत वस्तु के बेचने वाला (विक्रेता) को जानकारी देनी होगी की किस वस्तु को बेच (विक्रय) कर रहा है, वहीं खरीदने वाले व्यक्ति को GSTN पोर्टल पर जानकारी देनी होगी कि उसने या तो Goods (वस्तु) को Buy या Reject कर दिया है।
यह ई-वे बिल Supplier, Transport और Recipients तीनों के मध्य काम करेगा। जिसमे विक्रेता E-way Bill को GSTN पोर्टल पर अपलोड करेंगे तो एक Unique ई-वे नंबर (EBN) जनरेट होगा।
[2] ई-वे बिल प्रणाली का उद्देश्य (E-Way Bills System Purpose/Goal/Aims)
➧ देश भर में माल के बाधा-रहित परिवहन हेतु “एकल ई-वे बिल (Single e-way bill)”
➧ प्रत्येक राज्य में माल के परिवहन (Goods Transport) हेतु अलग से “ट्रांजिट पास (Transit Pass)” की आवश्यकता नहीं।
➧ माल परिवहन के “विभागीय पुलिसिंग माॅडल” से स्व-घोषणा माॅडल में स्थानांतरण।
[3] ई-वे बिल प्रणाली का लाभ (E-Way Bills System Benefits):
➧ अंतरराज्यिक माल परिवहन हेतु ई-वे बिल जेनेरेट (E-way Bill Generate) करने के लिये करदाताओं/परिवहनकर्ताओं को किसी कर कार्यालय/चेक पोस्ट तक जाने की जरूरत नहीं।
➧ चेक पोस्ट पर कोई इंतजार न होने और तीव्र माल परिवहन से वाहन/संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा, क्योंकि जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के तहत कोई चेक पोस्ट नहीं होंगे।
➧ यूजर फ्रेंडली ई-वे बिल प्रणाली (User Friendly E-Way Bill System)
➧ ई-वे बिल (E-way Bill) का आसान एवं शीघ्र जेनरेशन (Easy and Quick Generation)
➧ ई-वे बिल प्रक्रिया का सरलीकरण: सुगम कर प्रशासन के लिये नियंत्रण एवं संतुलन तथा कर अधिकारी द्वारा ई-वे बिल के सत्यापन में आसान हेतु प्रक्रिया का सरलीकरण।
[4] ई-वे बिल पोर्टल की विशेषताएं (E-way Bills Portal Features):
➧ यूजर अपने ग्राहकों (Customers), आपूर्तिकर्ताओं (Sellers) एवं उत्पादों (Products) का मास्टर डाटा बना सकते हैं ताकि ई-वे बिल के जेनेरेशन में आसानी हो।
➧ जीएसटीएन ई-वे बिल (GSTN E-way Bill) तैयार किया जायेगा। जिसमे इस प्रणाली के अंतर्गत, ई-वे बिल 1 से 20 दिनों के लिए मान्य होंगे। जहां आवंटित दिनों की संख्या, यात्रा की जाने वाली दूरी पर निर्भर करेगी।
- अगर किसी वस्तु का मूवमेंट 100 किलोमीटर तक होता है तो यह बिल 1 दिन के लिए वैलिड (वैध) होता है,
- 100 से 300 किलोमीटर के बीच -3 दिन,
- 300 से 500 किलोमीटर के लिए -5 दिन,
- 500 से 1000 किलोमीटर के लिए -10 दिन एवं
- 1000 से ज्यादा किलोमीटर के मूवमेंट पर 15 दिन के लिए वैध होगा।
➧ User अपने खाते/पक्ष में Generate हुए E-way Bill की निगरानी कर सकते हैं।
➧ आसान उपयोग के लिये ई-वे बिल के Generation की विभिन्न तरीकें।
➧ User ई-वे बिल के Generation हेतु पोर्टल पर Sub-User और Rolls बना सकते हैं।
➧ User को उनके Registered Mail/ Mobile Number के माध्यम से सूचना (अलर्ट) भेजे जायेंगे।
➧ वाहन नंबर या तो परिवहनकर्ता या माल के आपूर्तिकर्ता/प्राप्तकर्ता जो E-way Bill Generate कर रहा है, द्वारा दर्ज किया जा सकेगा।
➧ क्यू.आर कोड (QR Code) प्रत्येक ई-वे बिल पर प्रिंट रहेगा ताकि विवरण देखने में आसानी हो।
➧ कई Consignment [भेजा गया वस्तु (माल)] ले जा रहे वाहन के लिये समेकित (Consolidated) E-way Bill Generate किया जा सकता है।
[5] ई-वे बिल जेनेरेशन के साधन (E-Way Bills Tools):
➧ वेब- लैपटाॅप या डेस्कटाॅप अथवा फोन इत्यादि द्वारा ब्राउजर का उपयोग करके आॅनलाईन।
➧ मोबाईल फोन के एन्ड्रायड आधारित ऐप्स (Mobile Android Apps) से।
➧ Registered Mobile Number से SMS (सरल मोबाइल संदेश) द्वारा।
➧ एपीआई (Application Program Interface) द्वारा– जैसे उपभोक्ता की आईटी प्रणाली को ई-वे बिल प्रणाली से जोड़कर ई-वे बिल का जेनेरेशन किया जा सकता है।
➧ ई-वे बिल का Tools आधारित थोक जेनरेशन (Bulk Bill Generate)।
➧ सुविधा प्रदाताओं (Service Provider) के माध्यम से तीसरे पक्ष (Third Party) द्वारा।
अन्य (Other Info):
ई-वे बिल प्रणाली (E-way Bill System) का ट्रायल 16 जनवरी, 2018 से आरंभ किया गया है। अधिक जानकारी के लिये www.cbec.gov.in पर जाएं।
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