GST या वस्तु एवं सेवा कर और उनके प्रकार

यहां प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy Gk) अंतर्गत क्या है GST या वस्तु एवं सेवा कर और उनके प्रकार [(CGST, SGST and IGST) | What about GST Bill India in Hindi] के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दिया गया है। जिसमें भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST- Goods And Services Tax in Hindi) क्या है? एवं उनके प्रकार जैसे- केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST), राज्य वस्तु एवं सेवा कर (SGST), एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (IGST) की सरल शब्दों में नीचे समझाया गया है।

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What about GST in Hindi
  • क्या है? GST (वस्तु एवं सेवा कर)
  • GST के प्रकार
  • क्यों आवश्यक है? GST
  • किस तरह से कार्य करेगा GST ?

वस्तु एवं सेवा कर या What about GST India (कब और कैसे)– जीएसटी (GST) की नींव आज से 16 वर्ष पहले रखी गयी थी, इसके बाद वर्ष 2007 में तत्कालीन भारत सरकार ने 2010 से जीएसटी (GST) लागू करने का प्रस्ताव रखा था तथा मार्च 2011 में लोकसभा में इसे पेश किया गया।

दिसम्बर 2014 में एक बार फिर से जीएसटी विधेयक (GST Bill) संसद में पेश किया गया तथा मई 2015 में इसे लोकसभा में पारित किया गया।

राज्यसभा में मंजूरी मिलने के बाद यह संविधान का 122वां संसोधन कहलाया। पूरे देश में इसको 01 जुलाई 2017 से लागू (Passed) किया जा रहा है।

25 साल पहले अर्थ व्यवस्था के उदारीकरण के बाद जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के रूप में अप्रत्यक्ष करों (Indirect Taxes) में क्रांतिकारी सुधार होने जा रहा है।

भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को और मजबूत बनाने में जीएसटी (GST) मील का पत्थर साबित होगा।

What about GST Bill India – जीएसटी अर्थात् वस्तु एवं सेवाकर (Goods and Service Tax) एक अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax) है। यह एक एकीकृत कर (Integrated Tax) है, जो वस्तुओं एवं सेवाओं दोनों पर लगेगा।

जीएसटी (GST) लागू होने के बाद पूरे देश एकीकृत बाजार में तब्दील हो जायेगा और अधिकतर अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax)-

जैसे– केन्द्रीय उत्पाद शुल्क (Exise Duty), सेवा कर (Service Tax), वैट (Value Added Tax), मनोरंजन कर आदि सभी अप्रत्यक्ष कर समाप्त होकर GST (वस्तु एवं सेवाकर) में समाहित हो जायेगा।

इसके बाद भारत एक Single Tax वाली अर्थव्यवस्था बन जायेगा अर्थात् देश में वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाले अलग-अलग टैक्स खत्म हो जायेंगे और फिर नये आंकड़े के अनुसार देश के सभी लोग सेवाओं एवं वस्तुओं पर केवल एक ही टैक्स देगें, जिसे जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) के नाम से जाना जायेगा।

दुनिया के करीब 125 देशों में GST लागू है। जैसे-

  • न्यूजीलैण्ड में – 15 प्रतिशत,
  • आस्ट्रेलिया में -10 प्रतिशत,
  • फ्रांस में – 19.6 प्रतिशत,
  • जर्मनी में – 19 प्रतिशत तथा
  • पाकिस्तान में -18 प्रतिशत की दर से GST लागू है।

जीएसटी (Goods and Service Tax) से पहले भारत के Tax System में सबसे बड़ा सुधार वर्ष 2005 में किया गया था। तब Sales Tax को VAT (Value Added Tax) अर्थात् मूल्य निर्धारित कर |

जो कि एक बाजार कर होता है, में बदल दिया गया था। इसकी मदद से अलग-अलग चरणों में लगने वाले करों को कम करने की कोशित की गयी थी।

लेकिन VAT भी Tax पर Tax लगने वाली व्यवस्था का अंत नहीं कर पाया।

VAT उन वस्तुओं पर भी लगता है, जिनके लिये Excise Duty चुका दी गयी हो यानि लोगों को Tax पर भी अलग से Tax देना पड़ता था।

भारत में Tax की वर्तमान व्यवस्था के अनुसार देश में निर्मित होने वाली वस्तुओं की मैन्यूफैक्चरिंग (Manufacturing) पर Excise Duty देनी पड़ती है और जब ये वस्तुयें बिक्री पर लायी जाती हैं, तो इस पर Sales Tax और VAT अतिरिक्त लग जाता है।

इसी तरह उपलब्ध करायी गयी सेवाओं पर लागों से Service Tax वसूला जाता है, लेकिन जीएसटी (GST) लागू होने के बाद इन करों का बोझ समाप्त हो जायेगा।

मुख्य रूप से GST (वस्तु एवं सेवा कर) के 3 प्रकार (3 Types of GST in India) के होते है। जिसका जीएसटी के प्रकार का नाम निम्नानुसार है:- 

  • केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST)
  • राज्य वस्तु एवं सेवा कर (SGST)
  • एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (IGST)

संघीय ढांचे को बनाये रखने के लिये जीएसटी (GST) तीन स्तरों पर लगेगा :-

इस कर (CGST- Central Goods and Service Tax) को केन्द्र सरकार वसूलेगी।

इस कर (SGST- State Goods and Service Tax) को राज्य सरकार द्वारा वसूलेगीं।

एक राज्य से दूसरे राज्य में वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री की स्थिति में यह कर लगेगा।

IGST (एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर) का एक हिस्सा केन्द्र सरकार और दूसरा हिस्सा वस्तु या सेवा कर उपभोग करने वाले राज्य को प्राप्त होगा।

भारत का वर्तमान कर ढांचा बहुत ही जटिल है। भारतीय संविधान (Indian Constitution) के अनुसार मुख्य रूप में वस्तुओं की बिक्री पर कर लगाने का अधिकार राज्य सरकार तथा वस्तुओं के उत्पादन व सेवाओं पर कर लगाने का अधिकार केन्द्र सरकार के अधीन है।

इस कारण देश में अलग-अलग प्रकार के कर (Tax) लागू हैं, जिससे देश की वर्तमान कर व्यवस्था बहुत ही जटिल हो गयी है।

कंपनियों व छोटे उद्योगों के लिये इन विभिन्न प्रकार के कर कानूनों का पालन करना मुश्किल हो जाता है। इन सभी जटिलताओं को खत्म करने के लिये ही जीएसटी (GST Direct and Indirect Tax) को लागू किया जा रहा है।

वह कर जिसे आपसे सीधे तौर पर वसूला जाता है, प्रत्यक्ष कर (Direct Tax) कहलाता है।

उदाहरण– सम्पत्ति कर, आयकर, उपहार कर, भू-राजस्व कर, निगम कर, व्यवसाय कर, पूंजी लाभ कर, कृषि कर

जिसका मौद्रिक भार दूसरों पर डाला जाये अर्थात् वास्तविक भार उस व्यक्ति को नहीं देना पड़ता जो उसे अदा करता है।

उदाहरण– उत्पादन कर, सीमा शुल्क, सेवाकर, बाजारकर, बिक्री कर, मनोरंजन कर आदि

उदाहरण– माना कोई वस्तु 100 रूपये की बनी है तथा उस पर Excise Duty 12% लगायी गयी है। अतः उस वस्तु की कीमत हो गयी 112 रूपये।

अब वो वस्तु किसी राज्य में बिक्री के लिये आयी, जिसके बाद उस पर 14% का VAT (बाजार कर) भी लगाया गया।

लेकिन 14% का Tax 112 रूपये पर लगा न कि वस्तु की प्रारम्भिक कीमत 100 रूपये पर अर्थात् यह Tax के उपर Tax लगा, जिससे वह वस्तु महंगी हो गयी।

यदि कोई वस्तु 100 रूपये में तैयार होती है उस पर GST (वस्तु एवं सेवा कर) की जो दर है माना वो 28% है, तो उस वस्तु की सीधी अंतिम कीमत 128 रूपये होगी, निम्न उदाहरण से समझें –

उदाहरण– माना कोई वस्तु 100 रूपये में तैयार हुई है और उस वस्तु पर Tax लगा, 12% जिससे उस वस्तु की कीमत हो गयी 112 रूपये। GST in Hindi

चूंकि उस वस्तु के निर्माण में लागत आयी 8 रूपये, तो उस वस्तु की कुल कीमत हो गयी 120 रूपये।

माना अब 120 रूपये वाली वस्तु पर 18% टैक्स लगना या लेकिन यहां पर उस वस्तु को कच्चे माल के रूप में पहले ही खरीदा जा चुका है। तथा उस पर 12% टैक्स भी पहले ही लग चुका है अतः इस वस्तु पर 18% टैक्स नहीं लगेगा।

18% से 12% घटाकर मात्र 6% टैक्स ही लगेगा। जिससे वस्तुओं की कीमतों में पहले की अपेक्षा स्थिरता आयेगी।

यही है जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) का सबसे बड़ा फायदा जो Tax पर Tax लगाने वाली प्रथा को खत्म लगेगा।

‘एक देश-एक कर (One Nation - One Tax)‘ = GST (वस्तु एवं सेवा कर)

जीएसटी कर की दरें (GST Tax Rate in India)

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नमस्ते दोस्तों.! मेरा उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले प्रतिभागियों का सहयोग करना है व अपने अर्जित अनुभवों तथा ज्ञान को वितरित करके आप लोगों की Help करना है।

2 Comments

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  1. आपने बहुत ही अच्छे तरीके से समझाया है। आपने इस Article में बहुत अच्छी जानकारी दी हैं। मुझे आपकी हरेक बात आसानी से समझ में आ गई है। आप मेरे blog के लिए एक Backlink दे दीजिये।

  2. Hlo sir me accountant hu lekin mene apna ek naya blog start kiya he sir plzzz kya aap mujhe apna contact no. De sakte se plzzz sir me apni email id bhej raha hu aap plzzz mujhe contact karlijiye plzzzz