सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 क्या है? | RTI Act 2005 in Hindi

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Right to Information Act 2005 in Hindi (RTI Act in Hindi) – ‘सूचना का अधिकार’ या ‘राईट टू इन्फाॅर्मेशन (RTI)’ का तात्पर्य है कि ‘जानकारी/सूचना पाने का अधिकार (RTI Act 2005 in Hindi)’ होता है।

इस अधिकार द्वारा कानून लागू करने वाला राष्ट्र द्वारा अपने नागरिकों को समस्त कार्य और शासन प्रणाली को सावर्जनिक करता है।

03 दिसम्बर 1989 को तत्कालीन प्रधानमंत्री बी.पी. सिंह द्वारा भारतीय संविधान में शासकीय गोपनीयता अधिनियम संबंधी संशोधन की घोषणा किया गया था।

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RTI Act in Hindi Rules | RTI Act 2005 in Hindi

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 (RTI ACT 2005 in Hindi)

What is RTI Act in Hindi – सर्वोच्च न्यायालय ने ‘ईशर आयल लि.’ बनाम ‘हेल्थ उत्कर्ष समिति’ वाद में अनुच्छेद 21 (Article 21) के अंतर्गत सूचना के अधिकार (Right to Information 2005) को सम्मिलित किया।

इस दिशा में सरकार ने 2005 में कदम उठाते हुए ‘सूचना अधिकार अधिनियम (RTI Act 2005 in Hindi)’ पारित किया।

इस अधिनियम को 11 मई, 2005 को ‘लोकसभा‘ तथा 12 मई, 2005 को ‘राज्य सभा‘ में पारित किया गया। 15 जून, 2005 को इस अधिनियम को ‘राष्ट्रपति की अनुमति’ प्राप्त हुई।

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धाराएँ, अध्याय एवं अनुसूचियां

आरटीआई धारा (RTI Article in Hindi) – इस अधिनियम 2005 में कुल ‘6 अध्याय’ (Chapter), ’31 धाराएँ’ (Sections) एवं ‘2 अनुसूचियां’ (Schedules) है।

इसकी ‘धाराएँ 4(1), 5(1), 5(2), 12, 13, 15, 16, 24, 27’, तथा 28 दिनांक 15 जून, 2005 से प्रवृत्त/लागू (Enforce) हुए। इस अधिनियम का विस्तार ‘जम्मू-कश्मीर राज्य’ के अतिरिक्त सम्पूर्ण भारत पर है।

इसका उद्देश्य जन संबंधी मामलों में पारदर्शिता को बढ़ाना तथा सर्वाजनिक जीवन में भ्रष्टाचार को रोकना है।

यह अधिनियम नागरिकों को प्रशासन के सभी स्तरों पर सूचना हासिल करने का व्यावहारिक अधिकार प्रदान करता है। यह विधेयक काफी विस्तृत है और यह ‘केन्द्र’, ‘राज्य’, ‘स्थानीय सरकारों’, ‘सार्वजनिक प्राधिकरणों’ और ‘सरकारी अनुदान’ प्राप्त करने वाले संस्थानों पर लागू होता है।

RTI File कैसे करें? (RTI Rules in Hindi)

आरटीआई आवेदन (RTI Files) कैसे करें – किसी भी कार्यालय से सूचना प्राप्त करने के लिए इच्छुक व्यक्ति ‘अंग्रेजी’, ‘हिन्दी’ अथवा उस क्षेत्र की राजभाषा में ‘डाक’ द्वारा, ‘स्वयं’ या ‘ईमेल’ द्वारा, संबंधित ‘जन सूचना अधिकारी’ (PIO: Public Information Officer) से सूचना के लिए आग्रह (appeal) करता है।

यदि 30 दिनों के अंदर सूचना नहीं मिलती है, तो 30 दिनों के अंदर ‘प्रथम अपीलीय अधिकारी’ (First Appellate Officer) से अपील की जाती है।

‘प्रथम अपीलीय अधिकारी’ (Appellate Officer) को 30 दिनों के अंदर इस पर निर्णय लेना होता है।

य़दि प्रार्थी/आवेदक अपीलीय अधिकारी (Appellate Officer) के जवाब से संतुष्ट नहीं है, तो 90 दिनों के भीतर वह ‘केन्द्रीय सूचना आयोग’ (Central Information Commission) से दूसरी अपील (Second Appeal) कर सकता है।

यदि ‘केन्द्रीय सूचना’ या ‘राज्य सूचना आयुक्त’ किसी अपील पर निर्धारित अवधि के दौरान सूचना उपलब्ध नहीं कराता है, तो उस स्थिति में अधिकारियों के लिए ‘दण्ड का प्रावधान’ (RTI Provision of Punishment) किया गया है।

सूचना क्या है? (What is Information?)

किसी भी स्वरूप में कोई भी सामग्री ‘सूचना‘ है। इसमें किसी भी इलेक्ट्रानिक रूप से धारित ‘अभिलेख दस्तावेज’, ‘प्रेस विज्ञप्ति’, ‘ज्ञापन’, ‘परिपत्र’, ‘ईमेल’, ‘मत’, ‘सलाह’, ‘आदेश’, ‘रिपोर्ट’, ‘लाॅगबुक’, ‘संविदा’, ‘नमूने’, ‘कागज पत्र’, ‘माॅडल’, आंकड़ों संबंधी सामग्री शामिल है।

इसमें किसी निजी निकाय से संबंधित ऐसी सूचना भी शामिल है, जिसे प्राधिकरण तत्समय लागू किसी कानून के अंतर्गत प्राप्त कर सकता है।

लोक प्राधिकरण क्या है? (What is Public Authority?)

‘लोक प्राधिकरण’ (Public Authority) का आशय ऐसे प्राधिकरण या निकाय या संस्था से है, जो संविधान द्वारा अथवा उसके अधीन, अथवा ‘संसद’ अथवा राज्य विधानमंडल द्वारा निर्मित विधि द्वारा अथवा ‘केन्द्र सरकार’ अथवा राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना अथवा आदेश द्वारा स्थापित या गठित की गई हो।

केन्द्र सरकार अथवा राज्य सरकार के स्वामित्व, नियंत्रण और पर्याप्त रूप से वित्त पोषित निकाय और केन्द्र सरकार अथवा राज्य सरकार द्वारा पर्याप्त रूप से वित पोषित गैर-सरकारी संगठन भी लोक प्राधिकरण की परिभाषा में आते है।

‘निकाय’ अथवा ‘गैर-सरकारी संगठन’ को सरकार द्वारा वित्त पोषण प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष हो सकता है।

सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (RTI Act, 2005) की धारा (2) के तहत लोक प्राधिकारी की परिभाषा दी गई है- इस परिभाषा अनुसार राज्य में निम्न प्रकार से लोक प्राधिकारी होंगे।

1. मंत्रालय के समस्त विभाग
2. मंत्रालयीन विभागान्तर्गत समस्त विभागाध्यक्ष
3. समस्त जिलाध्यक्ष
4. समस्त जिला पंचायत, जनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायत
5. समस्त नगर निगम/नगरपालिका/नगर पंचायत
6. समस्त विश्वविद्यालय
7. राज्य शासन अंतर्गत कार्यरत सभी ‘बोर्ड’, ‘निगम’, ‘समितियां (पंजीकृत व अपंजीकृत)’ चाहे वह कंपनी अधिनियम, 1956, चेरिटेबल ट्रस्ट अधिनियम एवं समिति पंजीकरण अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत हो और/अथवा जो राज्य शासन के ‘मंत्रिपरिषद के निर्णय’, ‘शासन निर्णय अधिसूचना’ अथवा राज्य के अधिनियम द्वारा गठित किये गये हो
8. सभी ‘स्वयं सेवी संस्थाएं’ (NGO) जो पिछले वर्ष में शासन से ‘रूपए 2.00 लाख’ (दो लाख केवल) या अपने टर्नओवर का 25 प्रतिशत इसमें जो कम हो अनुदान लिया हो।

जन सूचना अधिकारी (PIO) कौन होता है?

What is PIO (Public Information Officer) – लोक प्राधिकरणों ने अपने कुछ अधिकारियों को जन सूचना अधिकारी के रूप में पदनामित किया है। ये अधिकारी सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के अंतर्गत सूचना मांगने वाले व्यक्तियों को सूचना प्रदान करने के लिए जिम्मेदार होते है।

सहायक जन सूचना अधिकारी (APIO) कौन होता है?

What is APIO (Assistant Public Information Officer) – ये उपमंडल स्तर के वे अधिकारी है, जिन्हें कोई व्यक्ति सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) संबंधी आवेदन अथवा अपील दे सकता है।

ये अधिकारी ‘आवेदन’ अथवा ‘अपील’ को लोक प्राधिकरण के जन सूचना अधिकारी अथवा संबंधित अपीलीय प्राधिकारी को भिजवाने के लिए जिम्मेवार है, किन्तु वे सूचना उपलब्ध करवाने के लिए जिम्मेदार नहीं है।

अधिनियम अंतर्गत सूचना का अधिकार

आरटीआई नियम (RTI Act 2005 Rules) – किसी नागरिक को किसी लोक प्राधिकरण (Public Authority) से ऐसी सूचना मांगने का अधिकार है, जो उस लोक प्राधिकरण के पास या उसके नियंत्रण में उपलब्ध है।

इस अधिकार में लोक प्राधिकरण के पास या उसके नियंत्रण में उपलब्ध है।

इस अधिकार में लोक प्राधिकरण के पास या नियंत्रण में उपलब्ध कृति, दस्तावेजों तथा रिकार्डो का निरीक्षण दस्तावेजों या रिकार्ड के नोट, उद्धरण या प्रमाणित प्रतियां प्राप्त करना, सामग्री के प्रमाणित नमूने लेना शामिल है।

यह ध्यान देने योग्य है, कि अधिनियम के अंतर्गत केवल ऐसी सूचना देना है, जो विद्यमान है और जो लोक प्राकिरण के पास अथवा उसके अधीन उपलब्ध है।

जन सूचना अधिकारी द्वारा सूचना सृजित करना या सूचना का व्याख्या करना, या आवेदक द्वारा उठाई गई समस्याओं का समाधान करना या काल्पनिक प्रश्नों का उत्तर देना अपेक्षित नहीं है।

सूचना मांगने का शुल्क (RTI Fee)

आरटीआई आवेदन शुल्क (RTI Fee) – किसी लोक प्राधिकरण (Public Authority) से सूचना मांगने के इच्छुक व्यक्ति से अपेक्षित है, कि वह अपने आवेदन पत्र के साथ सूचना मांगने का निर्धारित ‘शुल्क 10/- रूपये (दस रूपये)’ लोक प्राधिकरण के लेखा अधिकारी को देय मांग पत्र/ बैंकर चेक/ भारतीय पोस्टल ऑर्डर/ मनी ऑर्डर/ नाॅन ज्यूडिसियल स्टाम्प/ चालान के माध्यम से भेजे।

‘शुल्क का भुगतान’ (RTI fee) लोक प्राधिकरण के लेखाधिकारी अथवा सहायक जन सूचना अधिकारी (APIO) को नकद भी किया जा सकता है, उसके लिये आवेदनकर्ता को उपयुक्त रसीद अवश्य प्राप्त करनी चाहिए।

सूचना प्रदान करने हेतु आवेदक से ‘सूचना का अधिकार (शुल्क और लागत का विनियमन) नियमावली, 2005’ द्वारा निर्धारित किये अनुसार अतिरिक्त शुल्क देने की भी अपेक्षा की जावेगी।

यदि अतिरिक्त शुल्क मांगा जाता है, तो जन सूचना अधिकारी उसकी सूचना आवेदनकर्ता को देगा। नियमावली के अनुसार निर्धारित शुल्क की दरें निम्नानुसार हैः-

1. फोटोकापी किए हुए प्रत्येक पेज (ए4 अथवा ए3 आकार) कागज के लिए 2/- रूपये (दो रूपये)

2. बड़े आकार के कागज में कापी का वास्तविक प्रभार अथवा लागत कीमत

3. नमूनों या माॅडलों के लिए वास्तविक लागत अथवा कीमत

4. डिस्केट अथवा फ्लाॅपी से सूचना प्राप्त करने के लिए प्रत्येक डिस्केट अथवा फ्लाॅपी 50/- रूपये (पचास रूपये)

5. मुद्रित रूप में दी गई सूचना के लिए, ऐसे प्रकाशन के लिए नियम मूल्य अथवा प्रकाशन के उद्धरणों की फोटोकापी के 2/- रूपये (दो रूपये) प्रति पृष्ठ

किसी नागरिक को लोक प्राधिकरण के रिकार्ड की निरीक्षण करने का अधिकार है। अभिलेखों के निरीक्षण के लिए लोक प्राधिकरण पहले घण्टे के लिए कोई शुल्क नहीं लेगा, किन्तु उसके बाद प्रत्येक घण्टे के लिए 5/- रूपये (पांच रूपये) का शुल्क लेगा।

गरीबी रेखा (BPL) के नीचे की श्रेणी के अंतर्गत आने वाले आवेदनकर्ता को किसी प्रकार का शुल्क देने की आवश्यकता नहीं है। तथापि, उसे गरीबी रेखा के नीचे के स्तर का होने के दावे का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।

आवेदन के साथ यदि निर्धारित 10/- रूपये के शुल्क अथवा आवेदनकर्ता के गरीबी रेखा के नीचे वाला होने का प्रमाण जैसा भी मामला हो, नहीं होगा तो आवेदन को अधिनियम के अंतर्गत वैध नहीं माना जाएगा।

आवेदन प्रपत्र (RTI Application Format)

आरटीआई आवेदन प्रारूप (RTI Format) – सूचना मांगने हेतु आवेदन के लिए कोई निर्धारित प्रपत्र नहीं है। आवेदन सादे कागज पर किया जा सकता है। तथापि, आवेदन में आवेदनकर्ता का पूर्ण नाम तथा पता होना चाहिए।

यदि सूचना इलेक्ट्राॅनिकी रूप से मांगी जाए तब भी आवेदन में आवेदनकर्ता का नाम तथा पता दिया हुआ होना चाहिए।

आवेदक को सूचना मांगने का कारण बताने की कोई आवश्यकता नहीं होती है।

सूचना आपूर्ति के लिए समय अवधि (RTI Time Period)

आरटीआई समयावधि (RTI Time Limit) – सामान्यतः आवेदक को सूचना लोक प्राधिकरण (Public Authority) में आवेदन की प्राप्ति के 30 दिनों के भीतर दे दी जानी चाहिए। यदि मांगी गई सूचना पत्र का संबंध किसी व्यक्ति के जीवन अथवा स्वातंत्र्य से हो, तो सूचना आवेदन की प्राप्ति के 48 घंटे के भीतर उपलब्ध करना अपेक्षित है।

यदि सूचना के लिए अनुरोध सहायक जन सूचना अधिकारी के माध्यम से प्राप्त हो या यह गलत लोक प्राधिकरण को भेजा गया हो, तो सूचना प्रदान करने की उक्त अवधि में 5 दिन अतिरिक्त लिए जा सकता है।

अपील (RTI Appeal)

आरटीआई अपील (RTI First Appeal) – यदि किसी आवेदक को 30 दिवस अथवा 48 घंटे की निर्धारित समय-सीमा के भीतर सूचना उपलब्ध नहीं करवाई जाती है, अथवा यह दी गई सूचना से संतुष्ट नहीं होता है, तो प्रथम अपीलीय प्राधिकारी (First Appellate Authority), जो जन सूचना अधिकारी से रैंक में वरिष्ट अधिकारी होता है, के समक्ष अपील (RTI First Appeal) कर सकता है।

ऐसी अपील सूचना उपलब्ध कराये जाने की समय-सीमा के समाप्त होने अथवा जन सूचना अधिकारी के निर्णय के प्राप्त होने की तारीख से 30 दिन की अवधि के भीतर की जा सकती है।

लोक प्राधिकरण (Public Authority) के प्रथम अपीलीय अधिकारी अपील का निपटान अपील प्राप्त होने के 30 दिन की अवधि के भीतर अथवा विशेष मामलों में 45 दिन के भीतर कर देगा।

यदि प्रथम अपीलीय प्राधिकारी (FAA- First Appellate Authority) निर्धारित अवधि के भीतर अपील पर आदेश पारित करने में असफल रहता है अथवा यदि अपीलकर्ता प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेश से संतुष्ट नहीं होता है, तो वह ‘प्रथम अपीलीय अधिकारी’ (FAA) द्वारा निर्णय किये जाने के लिए निर्धारित समय-सीमा समाप्त होने अथवा अपीलकर्ता द्वारा वास्तविक रूप में निर्णय की प्राप्ति की तारीख से 90 दिन के भीतर ‘राज्य सूचना आयोग’ (State Information Commission) के समक्ष द्वितीय अपील (RTI Second appeal) दायर कर सकता है।

शिकायत (RTI Grievance)

आरटीआई शिकायत (RTI Grievance in Hindi) – यदि कोई व्यक्ति संबंधित लोक प्राधिकरण (Public Authority) द्वारा जन सूचना अधिकारी नियुक्त न किए जाने के कारण आवेदन करने में असमर्थ रहता है अथवा

सहायक जन सूचना अधिकारी (APIO) उसके आवेदन अथवा अपील की संबद्ध लोक सूचना अधिकारी (PIO) अथवा प्रथम अपीलीय प्राधिकारी (FAA) को भेजने के लिए स्वीकार करने से इंकार करता है अथवा

सूचना का अधिकार अधिनियम के अपील (RTI Act appeal) सूचना को पाने के उसके अनुरोध को ठुकरा दिया जाता है, अथवा

अधिनियम में निर्धारित समय-सीमा के भीतर उसके सूचना प्राप्त करने के अनुरोध का प्रत्युत्तर नहीं दिया जाता है, अथवा

उसके द्वारा फीस के रूप में एक ऐसी राशि अदा करने की अपेक्षा की गई है, जिसे वह औचित्यपूर्ण नहीं मानता है, अथवा

उसका विश्वास है, कि उसे अधूरी, पथभ्रष्ट करने वाली व झूठी सूचना दी गई है, तो वह ‘सूचना आयुक्त’ (Information Commissioner) के समक्ष ‘शिकायत’ (Grievance) online या सीधे offline भी कर सकता है।

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 संबंधी प्रश्नोत्तरी (RTI Act 2005 Questions in Hindi)

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 संबंधी प्रश्न-उत्तर (प्रश्नोत्तरी) | Right to Information (RTI) Act 2005 Questions and Answers in Hindi Quiz

Q.1. सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 (RTI Act 2005) का विस्तार है –
[A] सम्पूर्ण भारत पर है
[B] जम्मू कश्मीर राज्य के सिवाय सम्पूर्ण भारत पर
[C] केन्द्रशासित राज्यों को छोड़कर सम्पूर्ण भारत पर
[D] गोवा और नागालैण्ड राज्यों के सिवाय संपूर्ण भारत पर


[B] जम्मू कश्मीर राज्य के सिवाय सम्पूर्ण भारत पर


Q.2. सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 में कुल कितनी धाराएं (Sections) और अध्याय (Chapter) होती है ?
[A] 26 धाराएं और 5 अध्याय
[B] 31 धाराएं और 5 अध्याय
[C] 35 धाराएं और 7 अध्याय
[D] 40 धाराएं और 8 अध्याय

[B] 31 धाराएं और 5 अध्याय


Q.3. सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का प्रमुख उद्देश्य क्या है ?
[A] सरकार के क्रियाकलापों में पारदर्शिता लाना है
[B] प्राधिकारियों की जवाबदेही स्पष्ट करना है
[C] सत्ता के दुरुपयोग पर अंकुश लगाना
[D] उपरोक्त सभी

[D] उपरोक्त सभी


Q.4. सूचना का अधिकार अधिनियम संसद (Parliament) में कब पारित किया गया ?
[A] 12 जून 2005
[B] 12 मई 2005
[C] 11 अक्टूबर 2005
[D] 11 नवम्बर 2005

[B] 12 मई 2005


Q.5. सूचना का अधिकार अधिनियम को राष्ट्रपति की मंजूरी कब मिली ?
[A] 15 जून 2005
[B] 15 मई 2005
[C] 12 अक्टूबर 2005
[D] 12 नवंबर 2005

[A] 15 जून 2005


Q.6. कौन से राज्य में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 लागू नहीं हुआ ?
[A] महाराष्ट्र
[B] छत्तीसगढ़
[C] हरियाणा
[D] जम्मू कश्मीर

[D] जम्मू कश्मीर


Q.7. सूचना की स्वतंत्रता विधेयक को कब पारित किया गया था?
[A] वर्ष 2004
[B] व्रर्ष 2005
[C] वर्ष 2002
[D] वर्ष 2006

[C] वर्ष 2002


Q.8. पुरे भारत में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 कब लागू किया गया?
[A] 11 मई 2005
[B] 11 जून 2005
[C] 12 जुलाई 2005
[D] 12 अक्टूबर 2005

[D] 12 अक्टूबर 2005


Q.9. इस कानून के राष्ट्रीय स्तर में लागू होने से पहले कितने राज्यों ने लागू किया हुआ था?
[A] नौ
[B] आठ
[C] सात
[D] पांच

[A] नौ (तमिलनाडु और गोवा – 1997, कर्नाटक – 2000, दिल्ली -2001, मध्यप्रदेश, राजस्थान एवं महाराष्ट्र – 2002, तथा जम्मू कश्मीर – 2004 में लागू)


Q.10. विश्व में सबसे पहले किसने सूचना का अधिकार कानून 1766 में लागू किया था?
[A] स्वीडन
[B] भारत
[C] कनाडा
[D] फ्रांस

[A] स्वीडन 1766 ( भारत -2005, कनाडा -1982, फ्रांस -1978, मैक्सिको -2002 )


Q.11. कौन से देश में तत्काल और निःशुल्क सूचना देने का प्रावधान है ?
[A] भारत
[B] कनाडा
[C] फ्रांस
[D] स्वीडन

[D] स्वीडन


Q.12. विश्व के लगभग कितने देश सूचना का अधिकार नियम लागू किये है ?
[A] 90
[B] 80
[C] 16
[D] 09

[B] 80


Q.13. सूचना का अधिकार अधिनियम के उद्देश्य में क्या सही नहीं है ?
[A] भ्रष्टाचार को रोकना
[B] सरकार का दक्ष प्रचालन सुनिश्चित करना
[C] लोकतंत्रात्मक आदर्श की सम्प्रभुता को बनाये रखना
[D] जनता की गरीबी को दूर करना


[D] जनता की गरीबी को दूर करना


Q.14. सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नागरिकों को निम्न शक्तियां प्राप्त है, कौन सा गलत है –
[A] सरकार से कोई भी सूचना प्राप्त करना
[B] सरकारी निर्णय की प्रति प्राप्त करना
[C] सरकारी दस्तावेज का निरीक्षण करना
[D] केन्द्रीय आरक्षित पुलिस बल की सूचना प्राप्त करना


[D] केन्द्रीय आरक्षित पुलिस बल की सूचना प्राप्त करना


Q.15. सूचना के अधिकार पर पारित नहीं होता है
[A] सरकारी निर्णय की प्रति प्राप्त करना
[B] सरकारी दस्तावेज का निरीक्षण करना
[C] गोपनीयता अधिनियम 1923
[D] कोई नहीं

[C] गोपनीयता अधिनियम 1923


Q.16. यदि सूचना व्यक्ति के जीवन तथा स्वतंत्रता से संबंधित है, तो कब तक सूचना आपूर्ति की जाएगी ?
[A] 30 दिन
[B] 40 दिन
[C] 48 घंटा
[D] 50 दिन

[C] 48 घंटा


Q.17. सूचना न देने पर प्रत्येक दिन का कितना दण्ड होगा ?
[A] 250 दिन
[B] 230 दिन
[C] 210 दिन
[D] 420 दिन

[A] 250 दिन


Q.18. यदि सूचना का संबंध मानव अधिकार उल्लंघन से हो तो कितने दिन के भीतर सूचना मिलेगी ?
[A] 48 दिन
[B] 30 दिन
[C] 45 दिन
[D] 26 दिन

[C] 45 दिन


Q.19. सूचना प्राप्त करने हेतु आवेदन शुल्क कितना होता है ?
[A] 10 रूपये
[B] 20 रूपये
[C] 30 रूपये
[D] 40 रूपये

[A] 10 रूपये


Q.20. सूचना प्राप्त करने हेतु आवेदन शुल्क किन्हें नहीं देना होगा ?
[A] पुलिस
[B] मंत्रियों
[C] गरीबी रेखा के नीचे व्यक्तियों
[D] कोई नहीं

[C] गरीबी रेखा के नीचे व्यक्तियों


Q.21. सूचना प्राप्त करने के प्रत्येक प्रतिलिपि के लिए कितने रूपये की राशि जमा करनी होती है ?
[A] 50 रूपये
[B] 10 रूपये
[C] 30 रूपये
[D] 2 रूपये

[D] 2 रूपये


Q.22. सूचना प्राप्त करने के लिए सीडी, फ्लाॅपी के लिए कितने रूपये की राशि देने होते हैं ?
[A] 50 रूपये
[B] 10 रूपये
[C] 30 रूपये
[D] 2 रूपये

[A] 50 रूपये


Q.23. सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अधीन, ‘अभिलेख‘ में सम्मिलित है –
[A] कोई दस्तावेज, हस्तलेख तथा मिसल
[B] कोई माइक्रोफिल्म, माइक्रोफीचे तथा दस्तावेज की फेक्सीमाइल नकल
[C] ऐसी माइक्रोफिल्म में उकेरी हुई छवि या कोई उद्धरण तथा कम्प्यूटर या किसी अन्य उपकरण द्वारा उत्पादित कोई अन्य सामग्री
[D] उपरोक्त सभी

[D] उपरोक्त सभी


Q.24. ‘सूचना का अधिकार‘ से अभिप्रेत इस अधिनियम के तहत पहंुचने योग्य सूचना का अधिकार है जो लोक प्राधिकारी द्वारा धारित या नियत्रित किया जाता है, परन्तु इस अधिकार में शामिल नहीं है ?
[A] दस्तावेज या अभिलेख की प्रमाणित प्रतिलिपियां प्राप्त करना
[B] दस्तावेज या अभिलेख का निरीक्षण करना
[C] दस्तावेज़ या अभिलेख को बरामद करना या जब्त करना
[D] सामग्री के प्रमाणित नमूने लेना


[C] दस्तावेज़ या अभिलेख को बरामद करना या जब्त करना


Q.25. आवेदक को सूचना प्राप्त करने के लिए अनुरोध कौन सी भाषा में किया जा सकता है ?
[A] सिर्फ हिन्दी में
[B] सिर्फ अंग्रेजी में
[C] सिर्फ़ शासकीय भाषा में
[D] हिन्दी या अंग्रेजी या शासकीय भाषा में


[D] हिन्दी या अंग्रेजी या शासकीय भाषा में


Q.26. जो व्यक्ति सूचना प्राप्त करना चाहता है कौन से साधन से निवेदन करेगा ?
[A] मौखिक, अथवा गूंगा होने की दशा में इशारों द्वारा
[B] लिखित या इलेक्ट्रानिक साधन से
[C] टेलीफोन या मोबाइल द्वारा
[D] उपरोक्त में से कोसी भी साधन द्वारा


[B] लिखित या इलेक्ट्रानिक साधन से


Q.27. राज्य मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्तों की नियुक्ति विधिवत गठित समिति की अनुशंसा पर किसके द्वारा की जाएगी ?
[A] राज्यपाल
[B] मुख्यमंत्री
[C] राज्य का विधि मंत्री
[D] विधान सभा का अध्यक्ष

[A] राज्यपाल


Q.28. सामान्यतः प्रथम अपील को अपील की प्राप्ति के कितने दिन के भीतर निस्तारित किया जाएगा ?
[A] 30 दिन
[B] 45 दिन
[C] 60 दिन
[D] 90 दिन

[A] 30 दिन


Q.29. क्या सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के अंतर्गत न्यायालयों की अधिकारिता का वर्जन किया गया है ?
[A] नहीं
[B] हां
[C] जिला न्यायालयों और उच्च न्यायालयों को वर्जित नहीं किया गया है
[D] प्रकरण की परिस्थितियों पर निर्भर


[B] हां


Q.30. केन्द्रीय सूचना आयोग का गठन (धारा 12 के अंतर्गत) कौन करेगा ?
[A] राज्य सरकार
[B] केन्द्रीय सरकार
[C] (a) व (b) दोनों
[D] कोई नहीं

[B] केन्द्रीय सरकार


Q.31. केन्द्रीय सूचना आयोग का गठन किस धारा के अनुसार किया गया ?
[A] धारा 12
[B] धारा 13
[C] धांरा 14
[D] धारा 15

[A] धारा 12


Q.32. राज्य सूचना आयोग का गठन किस धारा के अंतर्गत किया जाता है ?
[A] धारा 14
[B] धारा 15
[C] धांरा 16
[D] धारा 18

[B] धारा 15


> इन्हें भी पढ़ें <

क्या है Article 370 और Article 35A

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# RTI Act 2005 in Hindi

8 Comments

  1. किसी अाावेदक द्वारा दिनांक ०१-०१-२०१६ से ३० सितम्‍बर २०२१ तक कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय मे कुल प्राप्‍त शिकायतों में विकास खण्‍ड शिक्षा अधिकारी ब्‍यौहारी को कितने में जॉच अधिकारी /जॉच समिति में रखा गया है समस्‍त के आदेश एवं जॉच प्रतिवेदन की छायाप्रति चाही गई है क्‍या इस प्रकार की जानकारी आवेदक को उपलब्‍ध कराया जाना अनिवार्य हैा यदि नही तो क़पया अधिनियम का विवरण देने का कष्‍ट करेंा

  2. सूचना का अधिकार अधिृनियम २००५ अंतर्गत किसी आवेदक द्वारा यह जानपकाराी चाहता है कि कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी शहडोल अंतर्गत दिनांक ०१-०१-२०१६ से वर्तमान, ३० सितम्‍बर २०२१ तक प्राप्‍त शिकायतों में विकास खण्‍ड शिक्षा अधिकारी ब्‍यौहारी को जॉच अधिकारी / जॉच समिति में रखा गया है समस्‍त के आदेश एवं जॉच प्रतिवेदन चाहा गया हैा क्‍या इस प्रकार से आवेदक द्वारा चाही गई जानकारी उपलब्‍ध कराई जाना अनिवार्य हैा

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