संज्ञा एवं सर्वनाम क्या है? उनके प्रकार व भेद

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले सामान्य हिंदी व्याकरण अंतर्गत हिंदी व्याकरण शब्दावली के संज्ञा एवं सर्वनाम क्या है? उनके प्रकार व भेद, (Hindi Grammar Noun and Pronoun , What is Noun and Pronoun in Hindi) की सम्पूर्ण जानकारी दी गई है।

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Noun and Pronoun in Hindi Grammar

हिंदी व्याकरण (Hindi Grammar) में सम् + ज्ञ अर्थ सही ज्ञान कराने वाला संज्ञा को नाम भी कहते है। संज्ञा- प्राणीवाचक, अप्राणीवाचक, गणनीय एवं अगणनीय हो सकती है।

  • संज्ञा एक विकारी शब्द है, जिसमें लिंग, वचन, काल, कारक आदि के आधार पर परिवर्तन हो जाता है।
  • संज्ञा वे शब्द है, जिससे किसी विशेष वस्तुभाव और जीव को शामिल किया जाता है।
  • पहले संज्ञा के 5 भेद माने जाते थे। जिसमें वस्तु तथा धर्म की दृष्टि से भेद किया जाता था।

वस्तु की दृष्टि से संज्ञा के 4 (चार) भेद है :-

  1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
  2. जातिवाचक संज्ञा
  3. समूहवाचक संज्ञा
  4. द्रव्यवाचक संज्ञा

धर्म के आधार पर संज्ञा का 01 (एक) भेद-

5. भाववाचक संज्ञा

वर्तमान में संज्ञा के 3 (तीन) भेद माने जाते है-

  1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
  2. जातिवाचक संज्ञा
  3. भाववाचक संज्ञा

जबकि समूह वाचक संज्ञाद्रव्य वाचक संज्ञा को जातिवाचक संज्ञा का ही भेद माना जाता है।

जिस शब्द से किसी एक वस्तु या व्यक्ति का बोध हो, उसे ‘व्यक्तिवाचक संज्ञा’ कहते हैं।

उदा. – व्यक्तियों के नाम, दिशाओं, उत्सवों, त्यौहारों, दिन/महिनों, ऐतिहासिक, युद्ध, घटनाओं, नगरों, नदी, पर्वत, देश तथा राष्ट्रीय जातियों के नाम आदि आते हैं।

जिन शब्दों से एक ही प्रकार की वस्तुओं अथवा व्यक्तियों का बोध हो, उन्हें ‘जातिवाचक संज्ञा’ कहते हैं। जैसेः– नदी, मनुष्य, घर, पहाड़ आदि।

इसके अंतर्गत संबंधियों, व्यवसायों, पदों, कार्यो के नाम या प्राकृतिक तत्वों के नाम आते हैं।

उदा. – बहन, प्रोफेसर, तूफान, वर्षा, ज्वालामुखी आदि।

जातिवाचक संज्ञा के 2 भेद इस प्रकार है-

अ) समूहवाचक संज्ञा

जिस संज्ञा से वस्तु अथवा व्यक्ति के समूह या समुदाय का बोध हो ‘समूहवाचक संज्ञा’ कहलाता है।

उदा. – मेला, भीड़, गिरोह, सेना, ठेर एवं सभा

ब) द्रव्यवाचक संज्ञा

जिस संज्ञा से नाप-तौल वाली वस्तु का या उस पदार्थ या सामग्री का बोध हो, जिससे वह बनी है, ‘द्रव्यवाचक संज्ञा’ कहलाती है।

उदा. – तेल, सोना, मिट्टी, लोहा, दुध एवं फल आदि।

जिस संज्ञा शब्दों से किसी वस्तु, गुण, दया अथवा व्यवहार का बोध होता हो, उसे ‘भाववाचक संज्ञा’ कहते है।

उदा. – बुढ़ापा, जवानी, खटाई, मिठाई एवं बचपन आदि।

सर्वनाम एक विकारी शब्द है और संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किये जाने वाले शब्द- ‘सर्वनाम’ कहलाते है।

  • सर्वनाम का अपना कोई लिंग नहीं होता अर्थात् सर्वनाम का लिंग निर्धारण क्रिया पद पर करता है।
  • सर्वनाम में कारक, चिन्ह भी सात होते हैं सम्बोधन कारक सर्वनाम में नहीं होता है।

उदा. – यह लड़का कल खाना नहीं खाता।

हिन्दी व्याकरण के अनुसार सर्वनाम की कुल संख्या 11 (ग्यारह) है।

उदा. – मैं, तू, आप, यह, वह, जो, सो, कोई, कुछ, कौन, क्या

वर्तमान में सर्वनाम के 6 (छ:) भेद माने जाते है-

  1. पुरूष वाचक सर्वनाम
  2. निजवाचक सर्वनाम
  3. निश्चयवाचक/संकेतवाचक सर्वनाम
  4. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
  5. संबंधवाचक सर्वनाम
  6. प्रश्नवाचक सर्वनाम

जिन सर्वनामों का प्रयोग स्त्री या पुरूष के नाम के स्थान पर होता है, उन्हें ‘पुरूषवाचक सर्वनाम’ कहते हैं।

पुरूष वाचक सर्वनाम कुल 3 (तीन) प्रकार के होते है।

  • उत्तम पुरूष – पर बात कहने वाला। जैसेः मैं, हम
  • मध्यम पुरूष – जिससे बात कही जाये। जैसेः तू, आप
  • अन्य पुरूष जिसके बारे में बात कही जाये। जैसे: वह, वे

जिस सर्वनाम का प्रयोग कत्र्ता कारक स्वयं के लिये करता है, उसे ‘निजवाचक सर्वनाम’ कहते है।

इसका चिन्ह भी आप है लेकिन पुरूषवाचक सर्वनाम में आपका प्रयोग आदर के लिये या दूसरे के लिये करते हैं जबकि निजवाचक सर्वनाम में आपका प्रयोग अपने लिये या आदर को छोड़कर करते हैं।

उदा. – 1) मैं अपने आप चला जाऊंगा (निज वाचक सर्वनाम)
2) आपने खाना खाया (पुरूष वाचक सर्वनाम) 

जिस सर्वनाम से वक्ता के पास या दूर की किसी निश्चत वस्तु का बोध होता है, उसे ‘निश्चयवाचक सर्वनाम’ कहते है।

उदा. – यह, वह, ये , वे,  वो । यह गाय है। आजकल यह लड़का कुछ नहीं खाता

वह सर्वनाम जो किसी निश्चय वस्तु या व्यक्ति का बोध न कराये ‘अनिश्चयवाचक सर्वनाम’ कहलाता है।

उदा. – कोई, कुछ, कुछ भी, सब कुछ। आपके घर कोई आया है। कोई जा रहा है। कुछ करना होगा।

जिस सर्वनाम से जो दो शब्दों, वाक्यों का एक दूसरे वाक्यों, शब्दों के साथ मेल या संबंध हो ‘संबंधवाचक सर्वनाम’ कहलाता है।

उदा. – जो, सो, जैसा, जिसकी। जो सर गया सो मर गया। जो सोया वो खोया। उसके जैसा कोई नहीं। जो सोवत हे सो खोवत हैं।

वे सर्वनाम जिसका प्रयोग केवल प्रश्नों करने हेतु किया जाये ‘प्रश्नवाचक सर्वनाम’ कहलाता है।

उदा. – क्या, किसे, क्यों। उसे क्या कहा जाये। किसे कहा जाता है।

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