भारत में कृषि क्रांति और प्रमुख उत्पादन

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भारत में कृषि (Agricultural Revolution in India in Hindi) – कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है। जहाँ भौगोलिक आधार पर भारत के कुल क्षेत्रफल के 51 प्रतिशत भाग पर खेती, 4 प्रतिशत भाग पर चारागाह, 21 प्रतिशत भूमि पर वन एवं 24 प्रतिशत भूमि बंजर तथा बिना उपयोग की भूमि है।

कृषि क्रांति का अर्थ है (Definition of Agricultural Revolution) – कृषि क्षेत्र में विकास के महत्वपूर्ण परिवर्तन हेतु नई आविष्कार, खोज, तकनिकी या प्रौद्योगिकियों को प्रायौगिक (लागू) स्तर पर प्रयुक्त किया जाता है।

ये सभी कृषि क्रांतियां विभिन्न उत्पादन के तरीकों में बदलाव और उत्पादन की दर को बढ़ाती हैं।

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Agricultural Revolution in India

भारत में प्रमुख कृषि क्रांति और संबंधित उत्पादन

भारत की प्रमुख कृषि क्रांति में हरित क्रांति (Green Revolution) से कृषि क्रांति (Agricultural Revolution of India) का दौर माना जाता है।

भारत में सबसे पहली क्रांति की शुरुआत 1966-67 में हुई हरित क्रांति (Green Revolution in India) से मानी जाती है।

विभिन्न एग्रीकल्चरल रेवोलुशन इन इंडिया अंतर्गत प्रमुख कृषि क्रांति में हरित क्रांति ने भारत को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाया था। जहाँ, हरित क्रांति का जनक (Father of Green Revolution in India) ‘एम. एस. स्वामीनाथन’ को कहा जाता है।

भारत में कृषि क्रांति (Agricultural Revolution in India) के अंतर्गत कृषि संबंधित फसलों को उत्पादन के आधार पर मुख्य रूप से बांटा गया है।

फसलों का वर्गीकरण (Types of Crops in India)

ऋतुओं के आधार पर भारत में मुख्य तीन प्रकार की फसलें पाई जाती है (3 Types of Crops in India | Major Crops in India), खरीफ (Kharif), रबी (Rabi) और जायद (Jayad) फसल। जहाँ, चावल व गेंहू, भारत की मुख्य खाद्यान्न फसल है।

भारत में फसलों का वर्गीकरण मुख्य 03 (तीन) प्रकार से किया जाता है:-

  • खरीफ फसल (Kharif Crops)
  • रबी फसल (Rabi Crops)
  • जायद फसल (Jayad Crops)

रबी फसल (Rabi Crops)

रबी की फसल (What is Rabi Crops in India) – यह फसल है, जो अक्टूबर-नवंबर माह में बोई (उपजाई) जाती है और मार्च-अप्रैल माह में काटी जाती है। अर्थात, रबी फसलें ‘शरद ऋतु /(जाड़े) मौसम’ के आरम्भ में लगायी जाती हैं तथा ‘बसंत ऋतु‘ आने पर इनकी रबी फसल तैयार होकर पक जाती है।

जैसे- गेहूं, जौ, चना, मटर, तोरिया (लाही), जई, अलसी, कुसुम, राई और सरसों, पीली सरसों, रबी राजमा, रबी मक्का, शिशु मक्का (बेबी कॉर्न) की खेती, मसूर, बरसीम, आलू की खेती, मशरूम की खेती इत्यादि।

खरीफ फसल (Kharif Crops)

खरीफ की फसल (What is Kharif Crops in India) – यह फसल है, जो जून-जुलाई माह में बोई (उपजाई) जाती है और नवंबर-दिसंबर माह में काट ली जाती है। अर्थात, खरीफ फसल ‘मानसूनी फसल‘ होती है, यह फसलें ‘मानसून के आरंभ‘ होने से लेकर ‘मानसून के अंत (समाप्त)‘ होने तक तैयार होती है।

जैसे- धान, गन्ना, कपास, मक्का, ज्वार, बाजरा, तिल, तिलहन, रागी (अनाज), पटसन और मूंगफली इत्यादि।

जायद फसल (Jayad Crops)

जायद की फसल (What is Jayad Crops in India) – वे फसलें जो मार्च से अप्रैल माह के मध्य बोई (उपजाई) जाती हैं और साथ ही जुन-जुलाई माह में काटी जाती हैं। ‘जायद फसल’ कहलाती है।

जैसे- जायद फसल के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की सब्जियां, तरबूज, मक्का, खरबूज, तरककड़ी, अरबी, भिंड़ी इत्यादि शामिल हैं।

नकदी फसल/ मुद्रादायिनी फसल (Cash Crops)

नकदी फसल/ मुद्रादायिनी फसल (What is Cash Crops in India) – वह फसल जो कृषि आधारित व्यापार के उद्देश्य से किसानों द्वारा उपजाई (बुआई) की जाती है अर्थात उद्योग में कच्चे माल के रूप में व्यावसायिक कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है। ‘नकदी फसल/ मुद्रादायिनी फसल’ (Cash Crops) कहलाती है।

जैसे- गन्ना, कपास, जूट, तंबाकू इत्यादि फसलें आती है।

भारत में प्रमुख कृषि क्रांति और संबंधित उत्पादन की सूची

भारत में प्रमुख कृषि क्रांति और संबंधित उत्पादन की सूची (List of Important Agricultural Revolutions in India)

प्रमुख क्रांतिउत्पादन
हरित क्रांतिखाद्यान्न उत्पादन
पीली क्रांतितिलहन उत्पादन (सरसों और सूरजमुखी)
श्वेत क्रांति (ऑपरेशन फ्लड)दुग्ध उत्पादन
नीली क्रांतिमत्स्य उत्पादन
भूरी क्रांतिउर्वरक उत्पादन/ चमड़ा/ कोको उत्पाद
गुलाबी क्रांतिझींगा मछली उत्पादन/ प्याज उत्पादन/ औषधि
लाल क्रांतिटमाटर/ मांस उत्पादन
सुनहरी क्रांतिफल उत्पादन
बादामी क्रांतिमासाला उत्पादन
कृष्ण क्रांतिबायोडीजल उत्पादन
रजत क्रांतिअंडा उत्पादन/ कुक्कुट उत्पादन
काली क्रांतिपेट्रोलियम उत्पादन
अमृत क्रांतिनदी जोड़ो परियोजनाएं
स्वर्ण क्रांतिफल/ शहद उत्पादन
गोल्डन फाइबर क्रांतिजूट उत्पादन/ फ्रूट्स/ हनी एंड हॉर्टिकल्चर
सदाबहार क्रांतिकृषि से/ जैव तकनीकी
सिल्वर फाइबर क्रांतिकपास उत्पादन
इंद्रधनुषीय क्रांतिसभी क्रांतियो पर निगरानी रखने हेतु
धुसर/स्लेटी क्रांतिसीमेंट
सेफ्रॉन क्रांतिकेसर उत्पादन से
सनराइज/सुर्योदय क्रांतिइलेक्ट्रॉनिक उधोग के विकास के हेतु
खाद्द श्रंखला क्रांतिभारतीय कृषकों की 2020 तक आमदनी को दुगुना करने से
स्लेटी/ग्रे क्रांतिउर्वरको के उत्पादन से
ग्रीन गॉल्ड क्रांतिचाय उत्पादन से
व्हाइट गॉल्ड क्रांतिकपास उत्पादन से (तीसरी क्रांति)
परामनी क्रांतिभिंडी उत्पादन से
खाकी क्रांतिचमड़ा उत्पादन से
हरित सोना क्रांतिबाँस उत्पादन से
मूक क्रांतिमोटे अनाजों के उत्पादन से
N.H. क्रान्तिस्वर्णिम चतुर्भुज योजना से
प्रोटीन क्रांतिउच्च उत्पादन (दूसरी हरित क्रांति पर आधारित तकनीक)
गोल क्रांतिआलू उत्पादन
काली क्रांतिपेट्रोलियम उत्पाद
गंगा क्रांतिभ्रष्टाचार के खिलाफ सदाचार पैदा करने हेतु (जोहड़े वाले बाबा/वाटर मैन ऑफ इंडिया/राजेन्द्र सिंह) द्वारा

कृषि क्रांति संबंधी महत्वपूर्ण तथ्य (Facts about Agricultural Revolution)

सम्पूर्ण कृषि क्रांति का महत्वपूर्ण तथ्य (Facts about Agricultural Revolution in India)

  • भारत में हरित क्रांति की शुरुआत 1966-67 ई. में हुई थी तथा भारत में इसके (Father of Green Revolution) अग्रदूत ‘एम. एस. स्वामीनाथन’ (MS Swaminathan) को माना जाता है तथा विश्व में इसका जनक ‘नार्मन ई. बोरलॉग’ को माना जाता है।
  • हरित क्रांति (Green Revolution) का सबसे अधिक प्रभाव चावल और गेहूं फसल पर पड़ा। परन्तु, चावल की तुलना में गेंहू के उत्पादन में अधिक वृद्धि हुई।
  • भारत में दुग्ध उत्पादन में श्वेत क्रांति (Father of White Revolution) लाने का श्रेय ‘डॉ. वर्गीज कुरियन’ (Verghese Kurien) जाता है।
  • भारत में नीली क्रांति जनक (Father of Blue Revolution) का नाम ‘अरुण कृष्णन’ हैं।
  • केसर (Saffron) का एकमात्र उत्पादक राज्य जम्मू-कश्मीर है।
  • भारत में गुलाबी क्रांति का जनक (Father of Pink Revolution) का नाम ‘दुर्गेश पटेल’ है।
  • भारत में स्वर्णिम क्रांति का जनक (Father of Golden Revolution) का नाम ‘निर्पख तुतेज’ है।
  • दुग्ध उत्पादन में (Milk Production) भारत का प्रथम स्थान है।
  • भारत में लाल क्रांति का जनक (Father of Red Revolution) का नाम ‘विशाल तिवारी’ है।
  • भारत में सिल्वर क्रांति का जनक (Father of Silver Revolution) का नाम ‘इंदिरा गाँधी’ है।
  • सब्जी उत्पादन में (Vegetable Production) भारत का द्वितीय स्थान है।
  • फल उत्पादन में (Fruit Production) भारत का द्वितीय स्थान है।
  • भारत का उर्वरक उत्पादन में (Fertilizer Production) विश्व में तीसरा स्थान है।
  • भारत में सर्वोत्तम चाय (Tea) पश्चिम बंगाल में ‘दार्जिलिंग’ पैदा की जाती है।
  • पंजाब राज्य को ‘भारत का धान भंडार’ (Paddy Stock of India) कहा जाता है।
  • स्वच्छ जलीय मछली का उत्पादन (Clean Aquatic Fish) करने वाला राज्य ‘पश्चिम बंगाल’ है।

कृषि क्रांति के जनक का नाम | Father of Agricultural Revolution

विभिन्न फादर ऑफ़ एग्रीकल्चरल रेवोलुशन इन इंडिया (List of Agricultural Revolution Inventions and Father of Revolutions Mame) की सम्पूर्ण जानकारी को नीचे सारिणी में दी गई है-

महत्वपूर्ण कृषि क्रांति के जनक का नाम एवं आविष्कारों की सूची (Agricultural Revolution in India List in Hindi)

प्रमुख क्रांतिजनक का नाम
हरित क्रांतिसुश्री स्वामीनाथन
पीली क्रांतिसैम पित्रोदा
गोल्डन फाइबर रिवोल्यूशननिर्पाख टुटेज
गुलाबी क्रांतिदुर्गेश पटेल
लाल क्रांतिविशाल तिवारी
श्वेत क्रांति (ऑपरेशन फ्लड)वर्गीस कुरियन
भूरी क्रांतिहीरालाल चौधरी
नीली क्रांतिडॉ अरुण कृष्णन
रजत क्रांतिइंदिरा गांधी
गोल्डन रिवोल्यूशननिर्पख टुटेज
सदाबहार क्रांतिसुश्री स्वामीनाथन
प्रोटीन क्रांतिपीएम नरेंद्र मोदी और एफएम अरुण जेटली द्वारा

कृषि क्रांति की प्रमुख विशेषताएं (Key Features of Agricultural Revolution)

भारत के प्रमुख क्रांति जैसे- हरित क्रांति (Green Revolution), श्वेत क्रांति (White Revolution), स्वर्ण क्रांति (Golden Revolution), पीली क्रांति (Yellow Revolution), गुलाबी क्रांति (Pint Revolution), भूरी क्रांति (Brown Revolution) और प्रोटीन क्रांति (Protein Revolution) की विशेषताएं नीचे दी गई है-

प्रोटीन क्रांति (Protein Revolution in India)

भारत की यह दूसरी हरित क्रांति में नाम से जाना जायेगा। यह क्रांति हरित क्रांति में लाने वाली तकनीक कृषि के उच्च उत्पादकता पर जोर देने के लिए बनाई गई है।

  • यह प्रोटीन क्रांति हेतु सरकार ने किसानों की आर्थिक अस्थिरता से निपटने के लिए 500 करोड़ मूल्य स्थिरीकरण कोष की स्थापना भी किया है।
  • भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भारतीय कृषि विकास अंतर्गत प्रोटीन क्रांति पर विशेष निर्देश/ घोषणा किया है।

हरित क्रांति (Green Revolution in India)

हरित क्रांति का तात्पर्य अधिक उच्च उपज देने वाली किस्मों, बीजों (High Yieding Varity), रासायनिक उर्वरकों और नई प्रौद्योगिकी के उपयोग के परिणामस्वरूप कृषि उत्पादन में तेजी से वृद्धि को संदर्भित करने से है।

  • इस हरित क्रांति के परिणामस्वरूप फसलों की उत्पादकता में अधिक वृद्धि हुई है तथा भारतीय कृषि में उन्नत किस्मों के बीजों का उपयोग बढ़ रहा है।
  • भारत के कृषि राज्य पंजाब, हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना में गेहू और चावल का वृद्धि दर/अतिउत्पादन, बीज की उन्नत किस्मों के कारण से हो रहा है।
  • इसमें लघु एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं का विस्तार शामिल है।
  • इसमें कृषि उत्पादों के समर्थन मूल्य का निर्धारण, भूमि संरक्षण की नयी तकनीकों का प्रयोग, कृषि विपणन सुविधाओं मे वृद्धि, कृषि शोध एवं भूमि परीक्षण को बढ़ावा और कृषि एवं ॠण सुविधाओं का विस्तार इत्यादि।

श्वेत क्रांति (White Revolution in India)

श्वेत क्रांति देश में डेयरी सहकारी आंदोलन की सफलता की कहानी है और भारत सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय सहयोग के साथ शुरू किया गया ऑपरेशन फ्लड प्रोग्राम है।

  • सीमांत और छोटे किसान, जो हरित क्रांति तकनीक के अनुकूल नहीं थे, उनके लिए यह श्वेत क्रांति आधारित डेयरी की वैकल्पिक उत्पादक प्रक्रिया में शामिल किया जा सका।
  • इसमें आधुनिक प्रबंधन के कारण, भारत का पोल्ट्री उद्योग अंडे के लिए 8-10% और ब्रॉयलर के लिए बेहतर नस्ल 15-20% बढ़ रहा है।

पीली क्रांति (Yellow Revolution in India)

पीली क्रांति तिलहन उत्पादन (सरसों और सूरजमुखी) आधारित कृषि होती है। खाद्य तेल और तिलहन फसलों के उत्पादन वृद्धि हेतु अनुसंधान एवं विकास की रणनीति को पीली क्रांति के नाम से जाना जाता है।

  • इसके उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के उद्देश्य से यह योजना प्रारम्भ की गई, जिससे भारत का पीली क्रांति (Yellow Revolution) कहा गया है।
  • भारत के खाद्य तेलों और तिलहन उत्पादन में पीली क्रांति के परिणामस्वरुप महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की है।
  • इसमें 23 राज्यों के 337 ज़िले तिलहन उत्पादन कार्यक्रम (Oilseed Production Program) में शामिल है।

भूरी क्रांति (Brown Revolution in India)

उच्च किस्म की बागवानी फसलों का उत्पादन बढ़ाने/ विपणन और निर्यात के लिए मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाना भूरी क्रांति (Brown Revolution) का आधार है।

  • भूरी क्रांति का संबंध उर्वरक उत्पादन/ चमड़ा/ कोको उत्पाद उत्पादन से है।
  • इसमें आदिवासी लोगों को पर्यावरण के अनुकूल कॉफी उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए कॉफी को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

स्वर्ण क्रांति (Golden Revolution in India)

भारत में स्वर्ण क्रांति वर्ष 1991 से 2003 को कहा जाता है। शहद के उत्पादन, फलों के उत्पादन एवं अन्य बागवानी उत्पादन में अधिक वृद्धि हुई थी।

गुलाबी क्रांति (Pink Revolution in India)

पिंक रिवोल्यूशन (Pink Revolution) एक शब्द है जिसका फार्मास्युटिकल, प्याज और झींगा उत्पादन में अधिक वृद्धि के लिए उपयोग किया गया था।

  • इसमें नई तकनीकी (Technological Revolutions) का उपयोग कर मांस और पोल्ट्री प्रसंस्करण को बढ़ावा दिया गया है।
  • गुलाबी क्रांति के आधार पर भारत विश्व का सबसे बड़ा झींगा मछली उत्पादक देश बन गया है।

भारत की कृषि क्रांति का आसान तरीका (Agricultural Revolution Gk Tricks)

भारत की कृषि क्रांति (Agricultural Revolutions) के बारे मे पूछे जाने वाले प्रश्नों को आसानी से याद रखने के लिए शाॅट ट्रिक (Agricultural Revolutions Gk Tricks in Hindi) इस प्रकार से है-

Gk Tricksक्रांतिक्षेत्र
‘हरी खाद‘ कृषि के लिए उपजाऊ हैहरित क्रान्तिखाद्यान्न उत्पादन
भारत ने ‘उ-री’ पर अटैक किया हांलहि मेंभूरी क्रान्तिउर्वरक उत्पादन
बेटा गुडियां ‘रजी‘ की दुकान से ‘अण्डा‘ ले आरजत क्रान्तिअण्डा उत्पादन
‘ली-ली‘ का फूल की खेतीनीली क्रान्तिमछली उत्पादन
‘दूध‘ का रंग ‘सफेद‘ होता हैश्वेत क्रान्तिदुग्ध उत्पादन
‘कृष्ण’ बेटा एक बाल्टी ‘जल‘ लानाकृष्ण क्रान्तिबायोडीजल उत्पादन
हे माई ‘लि-हन‘ का ससुराल कब चलबुपीली क्रान्तितिलहन उत्पादन
ओ भाई ‘लबी गा-ली’ ना देवा सुन गयागुलाबी क्रान्तिझींगा मछली उत्पादन
कल ‘आस‘ थी यार ‘टम‘-टम बारिश कीलाल क्रान्तिमांस/टमाटर उत्पादन
हमारी बेटी ‘इन्दु‘ चुटकियों में ‘सम‘ सोल्व कर देती हैइन्द्रधनुषी क्रान्तिसमन्वित उत्पादन
ब्याह के ‘बाद‘ वो मेरा ‘साला‘ बन जायेगाबादामी क्रान्तिमासाला उत्पादन
बेटा ‘नहरी‘ के ‘फल‘ हर साल नहीं मिलतेसुनहरी क्रान्तिफल उत्पादन

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